हरियाणा

श्रीमद् भागवद गीता जीवन के रहस्यों से पर्दा उठाती है – स्वामी ज्ञानानंद

सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – राष्ट्रीय कीर्ति आह्वान समिति एवं श्री कृष्ण कृपा परिवार के संयुक्त तत्वावधान में नगर की पुरानी अनाज मंडी में आयोजित दिव्य गीता सत्संग महोत्सव को संबोधित करते हुए गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि सभी ग्रंथों व धर्मों का सार भागवत गीता में है। जिसने मन से श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान की एक भी बात मन में धारण कर ली और उसका अनुसरण कर लिया तो समझो वह व्यक्ति भवसागर से पार हो गया।

इस मौके पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य विजयपाल सिंह एडवोकेट ने स्वामी ज्ञानानंद महाराज का अभिनंदन किया। इस अवसर पर विधायक जसबीर देशवाल, हरियाणा गौसेवा आयोग के सदस्य श्रवण कुमार गर्ग, हरियाणा मिट्टी कला बोर्ड के अध्यक्ष कर्ण सिंह रनोलिया व पूर्व एचसीएस अधिकारी विरेंद्र सांगवान विशेष रूप से मौजूद थे।

Haryana: स्वास्थ्य विभाग की निदेशक ने पकड़ी गड़बड़ी, अस्पताल में मिली लापरवाही की लंबी लिस्ट
Haryana: स्वास्थ्य विभाग की निदेशक ने पकड़ी गड़बड़ी, अस्पताल में मिली लापरवाही की लंबी लिस्ट

कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा ने स्वामी ज्ञानानंद महाराज को हिंदू गौरव सम्मान से सम्मानित किया। स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि श्रीमद् भागवद गीता ऐसा ग्रंथ है, जिसमें जितने गोते लगाए जाएं, उतने रहस्य बाहर आते हैं। मनुष्य को जीवन जीने की कला गीता सिखाती है और जीवन के रहस्यों से पर्दा उठाती है। जीवन के हर पड़ाव में गीता का सहारा लिया जा सकता है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने मानव जीवन में आने वाले सवालों का जवाब दिया है। बिना आत्मज्ञान के मानव की मुक्ति संभव नहीं हो सकती।

प्राणीमात्र के आत्म कल्याण का रास्ता प्रभु स्मरण से होकर जाता है। सेवा, आत्मसमर्पण, विचार के द्वारा ही ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी गीता के ज्ञान को मान चुके हैं और उन्होंने माना है कि गीता के ज्ञान में जीवन की सच्चाई है। जीवन कमल के पत्ते पर पड़ी ओस की बूंद की तरह से होता है जो कब लुढक जाए कुछ पता नहीं। इसलिए जीवन में जितने अच्छे कर्म किए जा सकें करने चाहिएं।

Haryana News: रेड स्क्वायर मंदिर में मिला धमकी भरा खत, देशभर से 100 लोगों के अपहरण की साजिश
Haryana News: रेड स्क्वायर मंदिर में मिला धमकी भरा खत, देशभर से 100 लोगों के अपहरण की साजिश

सत्संग से आहार, विचार, कर्म वाणी व आचरण में शुद्धता मानव जीवन में प्रवेश करती है। इन गुणों को धारण करने वाला मानसिक रूप से शांत स्वभाव वाला बन जाता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को सत्संग के साथ-साथ अपने जीवन व प्रभु द्वारा मिले धन को दीन-दुखियों की सेवा में लगाना चाहिए।

Back to top button